10 जानवरों से जुड़ी गलत धारणाएँ जो सबको सच लगती हैं
क्या आप सोचते हैं कि चमगादड़ अंधे होते हैं या ऊँट अपने कूबड़ में पानी रखते हैं? यहाँ 10 आम जानवरों की गलत धारणाओं का सच बताया गया है!
🐾 10 जानवरों की गलत धारणाएँ उजागर 🐾
- धारणा: चमगादड़ अंधे होते हैं।
सच: वे अच्छी तरह देख सकते हैं और प्रतिध्वनि (echolocation) का भी इस्तेमाल करते हैं। 🦇 - धारणा: शुतुरमुर्ग अपना सिर रेत में दबा लेते हैं।
सच: वे सिर झुकाकर अंडों को देखते हैं या छिपते हैं। 🪶 - धारणा: गोल्डफिश की याददाश्त केवल 3 सेकंड की होती है।
सच: वे कई महीनों तक चीजें याद रख सकती हैं! 🐠 - धारणा: साँड़ लाल रंग से नफरत करते हैं।
सच: साँड़ लाल रंग नहीं देख पाते; कपड़े की हरकत उन्हें गुस्सा दिलाती है। 🐂 - धारणा: ऊँट अपने कूबड़ में पानी रखते हैं।
सच: कूबड़ में पानी नहीं बल्कि चर्बी जमा होती है। 🐪 - धारणा: लेमिंग्स (Lemmings) सामूहिक आत्महत्या करते हैं।
सच: यह एक नकली डॉक्यूमेंट्री की वजह से फैला झूठ है। 🐭 - धारणा: चूजे को छूने से माँ पक्षी उसे छोड़ देती है।
सच: ज़्यादातर पक्षियों की सूंघने की शक्ति बहुत कम होती है; वे अपने बच्चों को नहीं छोड़तीं। 🐦 - धारणा: शार्क को कैंसर नहीं होता।
सच: उन्हें भी कैंसर होता है—इस झूठ का इस्तेमाल नकली दवाएँ बेचने के लिए किया गया। 🦈 - धारणा: कुत्ते लार बहाकर पसीना निकालते हैं।
सच: वे ज़्यादातर अपने पंजों से पसीना छोड़ते हैं; हाँफना उन्हें ठंडा करता है। 🐕 - धारणा: गिरगिट हमेशा पृष्ठभूमि के हिसाब से रंग बदलते हैं।
सच: वे मनोदशा, तापमान और संवाद के लिए रंग बदलते हैं। 🦎

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